Negligence of Chandigarh Administration

चंडीगढ़: स्मॉल फ्लैट के निवासियों को प्रशासन की इस लापरवाही से नहीं मिली ये सुविधा, देखें क्या है प्रोजैक्ट

 Negligence of Chandigarh Administration

Negligence of Chandigarh Administration

एस्टेट ऑफिस धनास में नहीं कर पा रहा प्रापर्टियों की ऑक्शन

विभागों के एनईसी बगैर रुका बूथों का ऑक्शन

पहले फाइलों में लटका मामला, अब विभागों की ओर से एनईसी न दिये जाने की वजह से लटका

Negligence of Chandigarh Administration- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ प्रशासन का (Estate Office) एस्टेट ऑफिस (Dhanas small flats) धनास पुनर्वास कालोनी में प्रापर्टियों का (Auction) ऑक्शन नहीं कर पा रहा है। वजह है विभिन्न (Departments) विभागों की ओर से दिया जाने वाला (NEC) एनईसी यानि नॉन एनकंबरेंस सर्टिफिकेट।

(DC) डीसी के अंडर काम कर रहा (Estate Office) एस्टेट ऑफिस उन्हीं (Properties) प्रापर्टीज की ऑक्शन करता है जिसकी (NEC) एनईसी उसे समय पर मिल जाती है। जिन प्रापर्टी की (NEC) एनईसी समय पर नहीं मिल पाती, वह (Property Auction) प्रापर्टी ऑक्शन में शामिल होने से रह जाती हैं।

(Dhanas Rehabilitation Colony) धनास पुनर्वास कालोनी की पॉकेट ए में (34 Booths) 34 बूथों के लिए प्लॉटों की ऑक्शन की जानी थी ताकि (Colony) कालोनी के लोगों को अपने परिसर में ही विभिन्न तरह के बूथ खुलने से सामान इत्यादि खरीदने की सुविधा मिल सके। पहले तो बूथों का कई अन्य वजहों से ऑक्शन नहीं हो पाया लेकिन जब सब तरफ से (Clearance) क्लीयरेंस मिली तो (NEC) एनईसी न मिलने की वजह से अटक गया। (NEC) एनईसी यानि नॉन (non encumbrance certificate) नॉन एनकंबरेंस सर्टिफिकेट का मतलब है कि जिन (Properties Auction) प्रापर्टीज की ऑक्शन होनी है उस जगह पर (Government Infrastructure) सरकारी इनफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि की वजह से कोई दिक्कत तो नहीं है। प्रापर्टी की ऑक्शन से पहले या कोई अन्य निर्माण करने से पहले एक दिक्कत यह आती है कि जगह पर पेड़ पौधे लगे हैं, अंडरग्राउंड वॉटर एंड सीवरेज पाइप गुजर रहा है, (Electricity or Telephone Dept.) इलेक्ट्रीसिटी या टेलीफोन विभाग की लाइनें तो नहीं बिछी, गैस पाइप लाइन तो नहीं गुजर रही या फिर कोई (Encroachment) अतिक्रमण वगैरहा तो नहीं।

इन्हें देखना निहायत जरूरी होता है और संबंधित विभाग इसको लेकर (NEC) एनईसी देता है। एस्टेट (Office Property) ऑफिस प्रापर्टी की (Auction) ऑक्शन से पहले यह भी ध्यान में रखता है कि (NEC) एनईसी छह महीने से ज्यादा पुराना न हो। एनईसी देने वाले विभागों में (Departments of Chief Engineer UT, Chief Engineer MC, Chief Engineer CHB, BSNL General Manager and Chief Architect UT) चीफ इंजीनियर यूटी, चीफ इंजीनियर एमसी, चीफ इंजीनियर सीएचबी, बीएसएनएल जनरल मैनेजर व चीफ ऑर्किटेक्ट यूटी के विभाग आते हैं। इन विभागों में आपसी तालमेल की कमी से फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग घूमती रहती है और काफी समय निकल जाता है। (Estate Office) एस्टेट ऑफिस की धनास में ऑक्शन होने जा रही प्रापर्टी में भी ऐसा ही हो रहा है। एनईसी ने सारा काम अटका रखा है।

Negligence of Chandigarh Administration- 2018 में बूथ ऑक्शन के हुए थे आदेश

(Dhanas Rehabilitation Colony)  धनास पुनर्वास कालोनी में 34 बूथों (केवल जमीन)की (Estate Office) एस्टेट ऑफिस ने ऑक्शन करनी थी। अक्टूबर 2018 में मीटिंग के बाद दिसंबर 2018 में तत्कालीन फाइनेंस सेक्रेट्री अजोय कुमार सिन्हा ने इसके (Orders) ऑर्डर दिये थे। मार्च 2019 में (Chief Architect) चीफ आर्किटेक्ट ने नक्शे तैयार कर दिये और साथ में एक नोट लिख दिया कि 2017 की (Policy) पॉलिसी के आधार पर यह (Allotment) अलॉटमेंट कर दी जाए। इसे एस्टेट ऑफिस के पास 2019 में भेज दिया गया। एस्टेट आफिस ने विभागों से एनईसी मांग ली जिसमें साइट क्लीयरेंस की रिपोर्ट होती है। इसी दौरान (Estate Office) एस्टेट ऑफिस ने मामले की फाइल कालोनी ब्रांच के पास भेज दी जिसने इसे सही तरीके से डील नहीं किया। 2019 में लोकसभा के चुनाव आ गए जिससे एस्टेट ऑफिस पूरी तरह से उसमें जुट गया। चुनाव के बाद (Colony Branch) कालोनी ब्रांच ने लिख दिया कि वह तो केवल घरों के मामले को डील करता है। बूथों से उसका कोई लेना देना नहीं। (Engineering Department) इंजीनियरिंग विभाग या (Chandigarh Housing Board) चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को यह फाइल भेज दी गई। दोनों विभागों ने इस पर (Estate Office) एस्टेट आफिस को लिख दिया कि उन्हें ही फाइल डील करनी है। (Town Planning) टाऊन प्लानिंग विभाग ने फाइल को एमए ब्रांच में भेजने का सुझाव दिया। यहां चीफ आर्किटेक्ट की ओर से लिखे नोट यानि 2017 की पालिसी को लेकर डिसकशन शुरू हो गया। सेक्रेट्री एस्टेट के पास फाइल पहुंची तो पता चला कि 2017 की जिस पालिसी का हवाला (Chief architect) चीफ आर्किटेक्ट ने दिया है वह तो पालिसी ही विदड्रा हो गई थी। यानि इन 34 बूथों की फाइल एक विभाग व ब्रांच से दूसरे विभाग व ब्रांच में घूमती रही लेकिन किसी ने गौर नहीं किया और धनास पुनर्वास कालोनी बूथों से महरूम है। जिस जगह बूथ बनने थे वहां न केवल एनक्रोचमेंट हो चुकी है बल्कि इनके न बनने से (Administration) प्रशासन को रेवेन्यू का भी जबरदस्त नुकसान हो रहा है।

 

यह भी पढ़ें: 

यह भी पढ़ें: